।। मुझे और कुछ कहना है ।।
मुझे यहि पै रहना है,
मुझे फिर कुछ कहना है
क्या है कर्तव्य <
क्या है अधिकार <
नेता पिछलग्गु बन् बन्
हम तो,
हो जाते है बेकार ।
अपना हक खो देते है ,
दिन भर टहलते उनके पिछे,
थके साम सो देते है ।
अरे उगायो अन्न
लगायो बाली
हम हैं किशान नेपालका
हाथ रहे न हमारा खाली
आने दो उनको आने दो
जो दिल चाहे खाने दो
मेहमान हमारा द्धार खडा हो
भुखे मत उनको जाने दो
क्या है उनका
कुर्ता पैजामा और धुली जूता
क्या खाएगा किशानोका
उतनातो खाताहै उसका कुता ।
चपरासीसे चन्दा अशुलकर
हम देशको आगे बढाएगे
अगर धकेलना परे देशको,
उसीको बली चढाएंगे ।
चपरासी भी कोइ आदमी है ,
क्या दिल उसका भि दुःखता है
फुलता जाता हाकिम हरवक्त,
चपरासी हर दिन सुखता है ।
mujhe kuch nahi kahena hey ,,,
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